रोज़ मिलने आया करो





गुज़ारिश है आपसे रोज़ मिलने आया करो, 
यूं खफा होकर हमें न तरसाया करो।
हमारे दर्द की कोई परवाह भी नहीं हमें पर,
हालात-ए-जुदाई में खुद को न तड़पाया करो।।

-- written in 2006 by Chetan Yadav 

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