बेवफाई का मुजस्समा

वो है मुजस्समा बेवफाई का, 
हम सोचते थे वफ़ा की वो मूरत थी,
और भी तरीके थे मेरे कत्ल के,
ज़हर बेवफाई का देकर मारने की क्या ज़रुरत थी।।

 --Chetan Yadav

Comments

Popular posts from this blog