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Showing posts from July, 2020

अंदाज-ए-बयां ज़रा शायराना ढूंढ़ते हैं

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मंजिल सामने है पर सारा ज़माना घूमते हैं, उन्हें देखने का कोई बहाना ढूंढ़ते हैं, उनके दिल को छू जाए वो लफ्ज हैं हमारे पास, पर अंदाज-ए-बयां ज़रा शायराना ढूंढ़ते हैं।। -- Chetan Yadav

क्या सही क्या ग़लत

क्या सही क्या ग़लत, कहां किसी चीज़ से बयां होता है। हालात के मुताबिक बस , अलग-अलग नजरिया होता है।। -- Chetan Yadav

रोज़ मिलने आया करो

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गुज़ारिश है आपसे रोज़ मिलने आया करो,  यूं खफा होकर हमें न तरसाया करो। हमारे दर्द की कोई परवाह भी नहीं हमें पर, हालात-ए-जुदाई में खुद को न तड़पाया करो।। -- written in 2006 by Chetan Yadav 

बंद झरोखों से खुला आसमान देखा है

बंद झरोखों से खुला आसमान देखा है, आज फिर उस शख्स को मैंने हैरान देखा है। कर रहे थे इंतजार मुद्दतों से जिसका, आज हमारे इंतजार में उसे परेशान देखा है।। -- Chetan Yadav

बेवफाई का मुजस्समा

वो है मुजस्समा बेवफाई का,  हम सोचते थे वफ़ा की वो मूरत थी, और भी तरीके थे मेरे कत्ल के, ज़हर बेवफाई का देकर मारने की क्या ज़रुरत थी।।  --Chetan Yadav

Jurm karke bhi tu khuda ho ja

Beshak tu mujhse juda ho ja, Gunah bhi tu Kar tu hi khafa ho ja, ilzaam sare Mai le lunga apne sar, Jurm karke bhi tu khuda ho ja... --Chetan Yadav